आमतौर पर उच्च रक्तचाप कई वर्षों में विकसित होता है। शुरू में कोई भी लक्षण नोटिस नहीं होता हैं। लेकिन बिना लक्षण के भी, उच्च रक्तचाप रक्त वाहिकाओं और शरीर के अंगों खासकर हृदय, मस्तिष्क, आंखें और गुर्दे को नुकसान पहुंचा सकता है।
शुरुआत में पहचान जरूरी है। नियमित रूप से रक्तचाप का रीडिंग लेते रहने से रक्तचाप में होने वाले बदलाव को नोटिस करने में मदद मिल सकता हैं यदि कुछ सप्ताह में रक्तचाप समान्यतया ठीक नहीं होता है तो समय पर उपचार करने में मदद मिलेगा। उच्च रक्तचाप का उपचार के लिए डॉक्टर का लिखा हुआ पर्चे का दवा और जीवन शैली में बदलाव दोनों जरूरी हैं। यदि इस स्थिति का इलाज नहीं किया जाता है, तो दिल का दौरा और स्ट्रोक के साथ और कई स्वास्थ्य की समस्यायें पैदा हो सकती है।
उच्च रक्तचाप का लक्षण Symptoms of High Blood Pressure
उच्च रक्तचाप एक मूक स्थिति है। बहुत लोगों ने इसका कोई भी लक्षण अनुभव नहीं किया। स्थिति का गंभीर स्तर तक पहुंचने में कई साल लग सकता हैं, जिससे लक्षण स्पष्ट हो जाते हैं।
गंभीर उच्च रक्तचाप के लक्षणों में निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं:
- सिर दर्द
- चक्कर आना
- साँसों की कमी
- छाती में दर्द
- दृश्य परिवर्तन
- पेशाब में खून आना
इस तरह के लक्षणों के लिए तत्काल उपचार का आवश्यकता होता है। यदि उच्च रक्तचाप है, तो नियमित रूप से रक्तचाप का रीडिंग लें। अधिकांश डॉक्टरों के यहां एक व्यक्ति रक्तचाप रीडिंग के लिए नियुक्त रहता हैं।
यदि उच्च रक्तचाप हो तो इसकी रीडिंग के लिए तथा स्वास्थ्य संबंधी जोखिमों से बचने के लिए अपने डॉक्टर से बात करें।
उदाहरण के लिए, यदि किसी के हृदय रोग का पारिवारिक इतिहास है या इस स्थिति को विकसित करने के लिए अन्य जोखिम कारक हैं, तो डॉक्टर सलाह दे सकता है कि रक्तचाप का जांच वर्ष में दो बार करवाएं। इससे बिमारी का समस्या बनने से पहले इलाज शुरू हो जायेगा।
उच्च रक्तचाप का कारण Cause of High Blood Pressure
उच्च रक्तचाप दो प्रकार का होता हैं तथा दोनो प्रकार के रक्तचाप का अलग – अलग कारण है।
प्राथमिक उच्च रक्तचाप Primary High Blood Pressure
प्राथमिक उच्च रक्तचाप बिना किसी पहचान का समय के साथ विकसित होता है। अधिकांश लोगों में इस प्रकार का उच्च रक्तचाप होता है।
शोध करने वाले अभी तक स्पष्ट नहीं हैं कि किस खास वजह से रक्तचाप धीरे-धीरे बढ़ता है। निम्नलिखित को उच्च रक्तचाप होने का प्रमुख कारण माना जाता हैं:
•आनुवंशिक कारण – कुछ लोग आनुवंशिक वजह से उच्च रक्तचाप का शिकार हो जाते हैं। यह उनके माता-पिता से विरासत में मिली जीन के कारण हो सकता है।
•शारीरिक परिवर्तन – यदि शरीर में कुछ बदलाव अनुभव होता है, तो हो सकता है ऐसा उच्च रक्तचाप के कारण हो रहा हो। उदाहरण के लिए उम्र बढ़ने से गुर्दे के कार्य में परिवर्तन हो जाता है जिससे शरीर में नमक और तरल पदार्थ का प्राकृतिक संतुलन खराब हो सकता है। इस परिवर्तन से शरीर का रक्तचाप बढ़ सकता है।
•अस्वास्थ्यकर जीवन शैली – खराब खान – पान, शारीरिक गतिविधि में कमी और अस्वास्थ्यकर जीवन शैली से वजन की समस्या हो सकती है। अधिक वजन या मोटापे के कारण उच्च रक्तचाप का जोखिम बढ़ सकता है।
Herbal Remedies for High Blood Pressure
– दिव्य मुक्ता वटी उच्च रक्तचाप के लिए आयुर्वेदिक दवा है। दिव्य मुक्ता वटी जड़ी-बूटियों से बना है। यह उच्च रक्तचाप का प्राकृतिक रूप से इलाज करती हैं। अधिक जानकारी के लिए Click करें।